****दोस्ती****
नमन मंच
****दोस्त****
जिंदगी के वीरान रास्तों में
कुछ अनजाने मिल जाते हैं
संग चलते हैं साया बनके
वह प्यारे दोस्त कहलाते हैं
सुख दुख में तो साथ देकर वो
जीवन को सरल बनाते हैं
अकेलेपन,निराशा को भुला
प्रसन्नता को लेकर आते हैं
कभी रूठना कभी मनाना
कभी रोना फिर खिल जाना
प्यारी अनोखी मुलाकातें
कभी खत्म ना होती बातें
दोस्त बिना है जीवन अधूरा
आओ बना ले इसको पूरा
दोस्ती को हॄदय से लगायें
गीले शिकवे आज मिटायें
दोस्ती है इक बड़ी दौलत सी
खुदा की दी हुई बरकत सी
बंधन यह ,नेह निष्ठा से भरा
गुलदस्ता फूलों से सजा
सबसे ऊंचा दोस्ती का दर्जा
न उतार सके कोई यह कर्जा
प्रेम विश्वास त्याग से भरा
नाता यह खास सबसे बड़ा
आओ दोस्ती दिल से निभायें
संबंध यह प्यारा खास बनायें
सुंदरतम उपवन सा सजायें
दोस्ती को इत्र सा महकायें
✍️”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक