दोस्ती ही प्यार की पहली सीढी है ?
दोस्ती ही प्यार की पहली सीढी है ?
लेखिका- जयति जैन, रानीपुर झांसी
प्यार दोस्ती से ही शुरू होता है ! जब दो शक्स एक दूसरे को पसंद करते हैं, तभी तो शुरूआत होती है दोस्ती की फ़िर वही दोस्ती बदल जाती है प्यार में,
ये तो सब जानते हैं !
लेकिन
प्यार तक कई दोस्ती पहुच ही नहीं पाती और टूट जाती है !
*** दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं,
एक उसका ‘अहम’ और दूसरा उसका ‘वहम’ ***
जी हां
यही वो वज्ह हैं जो दोस्ती और रिश्ते के धागे को कमज़ोर कर देती हैं और कमज़ोर धागा पकड़ने से ही टूट जाता है !
कारण वही गलतफेमियां, हर समय गलतफेमी हो ये भी जरुरी नहीं,
क्युकि
जो रिश्ते आगे बडाना ही नहीं चाहते वो हर बात को ठेस पहुचाने के उद्देश्य से ही बोलते हैं ताकि आप उनसे अलग हो जायें
” एक धोखे से भी हिल जाती है ज़मीन ऐतवार की..
ज़िंदगी तबाह करने के लिये भूकम्प आय ..ये ज़रूरी नही …!!”
पर
कुछ लोग ऐसे होते हैं जो गलतफेमी मिटाने का भरकस प्रयास करते हैं, और एक दिन सफल भी होते है !
” मुह्ब्ब्त एक खुशबू है हमेशा साथ चलती है
की तन्हाई में भी इंसाँ कभी तन्हा नहीं रहता! “