दोस्ती का सफर
दोस्ती का हमें इक तराना मिला,
हर जनम में हमें ये फसाना मिला।
वक्त ने मुश्किलें जब दिखाई मुझे,
दोस्तो का सफर ये सुहाना मिला ॥1॥
वक्त बे वक्त मुझेका सताने लगे,
दोस्ती होती क्या ये बताने लगे।
मुड के देखा तो मैंने ये जाना तभी,
दोस्ती का मुझे ये खज़ाना मिला ॥2॥
माँगते है सभी कुछ तो अपने लिए,
नींद आती है आँखो में सपने लिए।
मैने मांगा जो इक बार सब के लिए,
दोस्तो से भरा ये जमाना मिला ॥3॥
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार