दोस्ती का रिश्ता
मत देखो मिठास शब्दों की, व्यवहार से सबको अपनाओ।
व्यवहार चरित्र का दर्पण है,व्यवहारिकता को तुम फैलाओ।।
बातों में मिठास बहुत हो मगर,तुम दिल में क्या है यह जानों।
करते हैं वार जो छुपछुपकर,हर ऐसे व्यक्ति को पहचानों।।
रोटी वही खाई जाती है जिसको,दो तरफ से सेका जाता है।
रिश्ते भी वही सुख देते हैं जिनको, दो तरफ से निभाया जाता है।।
एक तरफा रिश्तों का जीवन में,बस बोझ ही ढोया जाता है।
फिर ऐसे रिश्तों के चक्कर में,अपनों का अपनापन खोया जाता है।।
कुछ काम करो जग में ऐसे,जो जग में तेरी पहचान का कारण हों।
पहचान के कारण ही व्यक्ति को, दोस्त या दुश्मन माना जाता है।।
कहे विजय बिजनौरी दोस्ती का रिश्ता सबसे ऊपर माना जाता है।
दोस्ती के रिश्ते के दम पर हर मुश्किल को टाला जाता है।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी।