दोस्ती एक वरदान
दोस्ती एक वरदान है
जो सबको नही मिलती ,
कई जन्मों के कर्मों की देन है
जो सबको नही मिलती ,
ये एक सौभाग्य है
जो सबको नही मिलती ,
ये स्वाति नक्षत्र की बूंद है
जो सबको नही मिलती ,
खुशनसीब हूँ मैं
कि मिले हैं मुझे दोस्त
इनकी दोस्ती की दौलत से
गर्व से सीना ताने चलती
देखते लोग मुझे हैरत से ,
अपने दोस्तों को देख – देख
सबसे दौलतमंद होने का दम भरती
अपनी किस्मत पर इतराती
फूली नही समाती ,
ऐ दोस्त !
एक ख्वाहिश एक आरजू है
बस इतनी सी जुस्तजू़ है
कि तुम्ही सब मिलना हर जनम
तुम्हारे मिलने से
नही होगा गम
जब निकलेगा दम ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 04/08/10 )