दोस्ती अपनेपन का अहसास
विषय _ दोस्ती अपनेपन का अहसास
दोस्ती वो आसमान है
जहां बस अपनेपन की पहचान है
साथ देती है दोस्ती हर पल
दोस्ती तो एक दूजे की जान है
ना नजरें झुकाती है दोस्ती
ना कोई सबूत मांगती है दोस्ती
कोई भी तकलीफ हो तो
सीने से लगती है दोस्ती
दोस्ती वो आसमान है
जहां खुशियों के परिदों की उड़ान है
दोस्ती की बस इतनी सी कहानी है
थाम लिया हाथ दोस्ती का तो दोस्ती जिंदगी भर निभानी है
इसमें ना स्वार्थ होता है
ना कोई परख होता है
ये हर रिश्ते से बढ़कर होती है
बस यही फर्क होता है
सुना है बहुत ताकत होती है प्यार में
लेकिन दोस्ती की ताकत समझी नहीं शायद जहान ने
दोस्ती वो जो सही राह दिखाए
दोस्ती वो जो कभी ना रुलाए
एक बार मोहब्बत भी नज़रे चुरा लेती है
लेकिन दोस्ती वो जो खुशी हो या गम बस सीने से लगाए
दोस्ती जिसमें समाई है दुनिया सारी
दोस्ती जो लगती है सबसे प्यारी
दोस्ती जो सुकून से भरा अहसास है
दोस्ती जो दूर रहकर भी होती पास है
भगवान भी दोस्ती का तलबदार होता है
इसलिए तो वो भी सुदामा के लिए रोता है
दोस्ती की बात किन शब्दों में बयां करूं
मेरी तो पूरी दुनिया पूरा जहान है
दोस्ती तो प्यार भरा आसमान है
सबकी जिंदगी में खास जगह होती है दोस्ती की
क्योंकि दोस्त कभी तन्हा होने नहीं देते
साथ हंसते है लेकिन अकेले कही होने नही देते
अपने होने का अहसास वो पल पल दिलाते हैं
दोस्त ही तो हैं जो सीने से लगाते हैं
और दोस्त वो जो नज़रे चुराए नहीं
दोस्त वो जो पलकों पर बिठाते हैं।
मेरी दौलत तो मेरे दोस्त है
जो मैंने मेरे जीवन में है कमाई
उनके साथ से ही तो चल रही सांसें
और दोस्तों ने ही जीने की सही राह दिखाई
मेरे दोस्तों के रहते मेरे जीवन में प्यार की कमी नहीं आई
और मेरे दोस्तों ने अपनी दोस्ती बड़ी शिद्दत से निभाई।
रेखा खिंची