“दोस्ताना “
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
================
कई तस्वीरें
मैं देखूँ
किसे अपना
बना लूँ मैं
कोई जँचता
नहीं मुझको
किसे अपना समझ लूँ मैं
निशाना मैं
लगाता हूँ
कोई हमदर्द
मिल जाँये
भले हम दूर
ही रह लें
विचारों से तो मिल जाँये
सभी अनुरोध
को दिल से
सदा स्वीकार
करता हूँ
नहीं मैं जानता
सब को
केवल अनुमान करता हूँ
भला मैं
जानूँगा कैसे
प्रोफ़ाइल
वे बंद रखते हैं
रही जिज्ञासा भी कोई
नहीं हम उसको पाते हैं
मुझे यह ख़ोज
रहती है
कोई मनमीत
मिल जाये
विचारों का
वो दर्पण हो
मेरे वो साथ चल पाये
नहीं जब मेल
होता है
उसे हम
छोड़ देते हैं
जो रूठे
एक पल उनसे
नहीं हम उनसे मिलते हैं
बहुत कम
लोग ऐसे हैं
जो कुछ को
जानते भी हैं
करें सम्मान
लोगों का
वही पहचानते भी हैं
सुदामा कृष्ण
की जोड़ी
हमें फिर
खोजनी होगी
बनेगी भव्य
सी नगरी
उन्हें हमें जोड़नी होगी !!
=================
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका ,झारखंड
भारत
18.06.2024
This post has been self-