Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2022 · 1 min read

दोष रोपण नहीं जमीर का आंकलन

अपना गिरेबान देखते नहीं ,
लगाते सदा दूसरों पर दोषरोपण ।
करने लगे यदि सभी नेता अपने ,
व्यक्तित्व और जमीर का आंकलन ।
तो स्वीकार करे अपनी त्रुटियां ,
और करे देश सेवा हेतु सम्पूर्ण समर्पण ।

Language: Hindi
1 Like · 104 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
कौन?
कौन?
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
Sarfaraz Ahmed Aasee
24, *ईक्सवी- सदी*
24, *ईक्सवी- सदी*
Dr Shweta sood
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
Anand Kumar
" पहला खत "
Aarti sirsat
शार्टकट
शार्टकट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
2584.पूर्णिका
2584.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
दर्द लफ़ज़ों में
दर्द लफ़ज़ों में
Dr fauzia Naseem shad
#बस_छह_पंक्तियां
#बस_छह_पंक्तियां
*Author प्रणय प्रभात*
कर्त्तव्य
कर्त्तव्य
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वैशाख की धूप
वैशाख की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
" जब तक आप लोग पढोगे नहीं, तो जानोगे कैसे,
शेखर सिंह
यदि सफलता चाहते हो तो सफल लोगों के दिखाए और बताए रास्ते पर च
यदि सफलता चाहते हो तो सफल लोगों के दिखाए और बताए रास्ते पर च
dks.lhp
भुक्त - भोगी
भुक्त - भोगी
Ramswaroop Dinkar
नज़र चुरा कर
नज़र चुरा कर
Surinder blackpen
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
*आई गंगा स्वर्ग से, उतर हिमालय धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रेम जब निर्मल होता है,
प्रेम जब निर्मल होता है,
हिमांशु Kulshrestha
¡¡¡●टीस●¡¡¡
¡¡¡●टीस●¡¡¡
Dr Manju Saini
ग़ज़ल -
ग़ज़ल -
Mahendra Narayan
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ाकर चले गए...
Sunil Suman
मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी
Mukesh Kumar Sonkar
"दो हजार के नोट की व्यथा"
Radhakishan R. Mundhra
ऐ ज़िंदगी
ऐ ज़िंदगी
Shekhar Chandra Mitra
"शिक्षक तो बोलेगा”
पंकज कुमार कर्ण
नेता के बोल
नेता के बोल
Aman Sinha
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
The_dk_poetry
"जीवन"
Dr. Kishan tandon kranti
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
पतझड़ और हम जीवन होता हैं।
Neeraj Agarwal
पिया बिन सावन की बात क्या करें
पिया बिन सावन की बात क्या करें
Devesh Bharadwaj
Loading...