दोष यूँ देना
दोष यूँ देना आम है तेरा
पाठ पढाना भी आम है तेरा
रोशनियाँ जब बुझ चुकी है सब
अब सोना भी काम है तेरा
तू मय पिलाता कंजूसी से
गुलजार भी हर शाम है तेरा
सारे भटके आ जाओ वापस
करने को काम तमाम है तेरा
ऐसे क्यूँ भूला बैठा है तू
करना बाकीै इन्तजाम है तेरा
अब हो गई है देर तुझे बहुत
सँजने को बाकी काम है तेरा
बेखबर है पडोसियों से तू
फिर होगा देश गुलाम है तेरा
अकेले चला सरहद पे तू
हर शाम हुआ हराम है तेरा
हुआ मनमौजी हरामखोर तू
नाकाम हुआ मुकाम है तेरा
गया जब तू मयशाला को
बदनाम हुआ नाम है तेरा
तूने की करतूत कोई खास
मधु हुआ नाम बेनाम है तेरा