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31 Aug 2023 · 1 min read

दोलत – शोरत कर रहे, हम सब दिनों – रात।

दोलत – शोरत कर रहे, हम सब दिनों – रात।
सिकंदर दुनियाँ जीतता, गया व खाली हाथ।

दया – धर्म करते रहो, अपने दोनों हाथ।
अंत समय आयेगा, यही हमारे साथ।।

धन – छुट्टे काया जलती, भाई – बन्दु के हाथ।
पंछी अकेला उड़ता, दान – पुण्य ले साथ।।

लीलाधर चौबिसा (अनिल)
चित्तौड़गढ़ 9829246588

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