दोधक छंद
आधार छन्द- दोधक/बन्धु (मापनीयुक्त वर्णिक)
वर्णिक मापनी- गालल गालल गालल गागा (11 वर्ण)
पिंगल सूत्र- भ भ भ ग ग
ध्रुव शब्द- जीवन (छन्द में कहीं भी आ सकता है)
211 2 11 211 22
जीवन के शुचि सार मुरारी।
सागर में पतवार मुरारी।।
मोहन ‘नीलम’ प्राण बसे हैं,
श्वास हिया संसार मुरारी।।
साजन-साजन रोज पुकारूँ।
आस लिए घर द्वार निहारूँ।।
श्याम पिया मनमोहन आजा,
त्रास मिटा सुख चैन सँवारूँ।।
राह तकें दृग भी पथराए।
लेकिन साजन बाट दिखाए।।
कौन पिया तुमको बहकाए।
शूल बनी उर सौतन हाए।।
नीलम शर्मा ✍️