दोधक छंद (हमारा देश)
दोधक छंद 11वर्ण
3 भगण 2 गुरू
211,211,211,22
हमारा देश
भारत देश सदा सुखदाई।
देवन आय कला दिखलाई।
हैं सब लोग यहाँ पर भाई ।
होय विनीत करे प्रभुताई।।
भाषण झाड़त जो पद पावें ।
फेर नहीं ढिग किंचित आवें।।
हैं कुछ ठीक विचार सुमिंता।
रोज करें मन भारत चिंता।।
आवत देख चुनाव सयाने ।
गावहिं खूब विकास तराने।।
आस बड़ी जन के मन बो दी।
भाय हमें हर भाँतहिं मोदी ।।
धर्म सनातन के रखवाले ।
देउ कमान सुजान सँभाले।।
दूसर और दिखे नहिं कोई।
जो सब काज सहायक होई।
कट्टर हिंदु विचार शुरू के।
गावत गीत सुछंद गुरू के।।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
29/11/22