Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2021 · 1 min read

दोजख

अरे इंसान ! इतना भी ना गिर ,
के खुद से भी नजरें न मिला पाए।
आए जब कभी खुदा का बुलावा,
तो तुझे दोजख में भेजा जाए।

Language: Hindi
397 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
प्यार नहीं दे पाऊँगा
प्यार नहीं दे पाऊँगा
Kaushal Kumar Pandey आस
बचपन
बचपन
लक्ष्मी सिंह
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
मैं तुम्हारे बारे में नहीं सोचूँ,
Sukoon
#पर्व_का_संदेश-
#पर्व_का_संदेश-
*प्रणय प्रभात*
उन दरख्तों पे कोई फूल न खिल पाएंगें
उन दरख्तों पे कोई फूल न खिल पाएंगें
Shweta Soni
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
अभिषेक किसनराव रेठे
तेरी चाहत में सच तो तुम हो
तेरी चाहत में सच तो तुम हो
Neeraj Agarwal
Life
Life
Neelam Sharma
*अपना अंतस*
*अपना अंतस*
Rambali Mishra
♥️
♥️
Vandna thakur
तेरा एहसास
तेरा एहसास
Dr fauzia Naseem shad
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
*चलता रहता है समय, ढलते दृश्य तमाम (कुंडलिया)*
*चलता रहता है समय, ढलते दृश्य तमाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2985.*पूर्णिका*
2985.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बदनसीब का नसीब
बदनसीब का नसीब
Dr. Kishan tandon kranti
आंगन को तरसता एक घर ....
आंगन को तरसता एक घर ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
VINOD CHAUHAN
वो शख्स लौटता नहीं
वो शख्स लौटता नहीं
Surinder blackpen
Speak with your work not with your words
Speak with your work not with your words
Nupur Pathak
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ruby kumari
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
कभी-कभी
कभी-कभी
Ragini Kumari
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
बड्ड  मन करैत अछि  सब सँ संवाद करू ,
बड्ड मन करैत अछि सब सँ संवाद करू ,
DrLakshman Jha Parimal
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
Swati
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
Phool gufran
छूटा उसका हाथ
छूटा उसका हाथ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
कोशिश करना छोड़ो मत,
कोशिश करना छोड़ो मत,
Ranjeet kumar patre
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...