दोगलापन
पत्नी तुम्हारे कहने से मुस्कराए
तुम्हारे कहने से जागे
तुम्हारे कहने से सो जाए
तुम्हारे घर में रहकर
तुम्हारी सुविधाओं का
भरपूर ख़्याल रखे
इसके बावजूद
उसके नाम के आगे
कोई अलंकार जड़ने की
कोई जहमत ना उठाई जाए ,
तुम कमाई करके
अपने घर के मालिक
कभी भी घर आओ जाओ
अपने हिसाब से
उठो बैठो और मुस्कराओ
जब जी करे
जो चाहो बनवाओ खाओ
और दुनिया जहान में
पत्नी से प्रेम करने वाले
आज्ञाकारी पति कहलाओ ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा )