#दैवकृपा
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★ #दैवकृपा ★
भीड़ की भेड़ नहीं हूँ मैं
भीड़ में रहूँ तो भी अलग दिखता हूँ
दैव ने दायित्व दिया है
भीड़ के आगे चलता हूँ
चुप रहूँ तो
सब कह देती हैं मेरी आँखें
अंधेरे में बनके दीपक
मेरा दिल जलता है
और भाग्य
अच्छे-बुरे कर्मो से
बनता है बिगड़ता है
~ हरि ओ३म् ! ~
#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२