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27 Jul 2024 · 1 min read

“देह एक शीशी सदृश और आत्मा इत्र।

“देह एक शीशी सदृश और आत्मा इत्र।
जीवन को मत लीजिए, यूं हल्के में मित्र।।”

😊प्रणय प्रभात😊

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