देश हमारा आजाद हुआ
कितनों की खप गयी जवानी,
कितने ही वीर शहीद हुए।
निज प्राणों की आहुति दे दी,
ऐसे भी लोग मुजीद हुए।
इतना सब झेला तब जाकर,
यह सकल देश आबाद हुआ।
आया फिर इक नया सवेरा,
देश हमारा आजाद हुआ।
बहनों ने था भाई खोया,
माताओं का सिंदूर धुला।
हँसना गाना खेल दिखाना,
था सबको बिल्कुल ही भूला।
जिस दिन हमें मिली आजादी,
तो शब पूनम का चाँद हुआ।
आया फिर इक नया सवेरा,
देश हमारा आजाद हुआ।
भगत,सुखदेव और राजगुरु,
झूल गये फाँसी पर हँसकर।
जितने भी थे वीर सिपाही,
किया सामना सबने डँटकर।
सबके मुख पर ही हैं खुशियाँ,
नवजीवन का ईजाद हुआ।
आया फिर इक नया सवेरा,
देश हमारा आजाद हुआ।
बोस , आजाद ने गोरों को,
कुछ ऐसा स्वाद चखाया था।
इन दोनों के कारण ही तो,
हर गोरा ही घबराया था।
उनकी गाथा सुन सुनकर ही,
सबका सीना फौलाद हुआ।
आया फिर इक नया सवेरा,
देश हमारा आजाद हुआ।
आजादी के मतवालों को,
सभी भूल कभी न जाना तुम।
अमर शहीदों की स्मृतियों में,
दीपक तो एक जलाना तुम।
आज दिवस है मंगल का यह,
सबके भीतर आह्लाद हुआ।
आया फिर इक नया सवेरा,
देश हमारा आजाद हुआ।