देश सेवा
आज स्वतंत्रता प्राप्ति के इतने लंबे अंतराल के पश्चात यदि हम देश के प्रति लगाव
आस्था व निष्ठा के परिप्रेक्ष्य में विश्लेषण करने चलें तो कुछ अकल्पनीय तथ्यों से सामना करना पड़ेगा।
यद्यपि मैं इस तथ्य से पूर्णतः सहमत हूँ कि देश में कई
देश भक्त, देश प्रेमी और देशहित में विश्वास रखते वाले सच्चे भारत माता के सपूत हैं और देशहित व समाज के कल्याण हेतु कार्य कर भी रहे हैं पूर्व में भी अनेक विरोधाभास के मध्य कई कार्य किए भी हैं व कुछ करना भी चाहते हैं किन्तु ऐसा न कर सकने के पीछे एक कारण वे विरोधी व असामाजिक अराजक तत्व हैं जो इनके मार्ग की बाधा बनते रहते हैं।
आजादी के बाद देशसेवा के रूप
(1) सबसे पहले देशसेवा में उस महान हस्ती का नाम आता है जो आजादी के पूर्व भी जनता के लिए था और आज भी जनता का सबसे पहला सेवक है और वह है हमारा अन्न दाता कृषक। किन्तु विडम्बना देखिए कि सबका पेट भरने वाला स्वयं फटेहाल व मजबूर है।आज
परिस्थितियाँ बिल्कुल इनके विपरीत हैं।
(2 ) स्वाधीन भारत में देशसेवा का एक रूप है प्रशासन के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे कर देश की सेवा करना। इस क्षेत्र में भी भ्रष्टाचार के प्रवेश के कारण सेवा के असली हकदार तक प्रशासनिक व आर्थिक मदद न पहुंच पाती है। प्रभावी लोग असली फायदा ले जाते हैं।
(3) देशसेवा का एक रूप सरकारी व गैर सरकारी संगठन (एन जी ओ) भी हैं
किन्तु इन संगठनों की कार्य शैली व कर्तव्यनिष्ठा पर आये दिन प्रश्न चिन्ह लगते रहे हैं। देशसेवा का यह रूप भी पूर्णतःनिष्पक्ष या सच्चाई से सेवानिवृत्ति देने में समर्थ नहीं है।
(4) राजनीति के माध्यम से सरकारी तंत्र में सेवाएँ देना भी देशसेवा का एक रूप है। आज देश सेवा जज़्बा दिखाकर पहले भोली भाली जनता को बरगलाया जाता है। वोटों की जबर्दस्त राजनीति के तहत येन-केन-प्रकारेण मीठे झांसे देकर हर नागरिक को अपने जादुई शिकंजे में जकड़ लिया जाता है। परिणाम पक्ष में आने के बाद कैसे वादे और कैसा वादा निभाना?? हमारे देश में यदि देशसेवा की भावना से लबरेज आदर्श व्यक्तित्व व ईमानदारी छवि वाले लोगों की कमी नहीं तो विपरीत धारा में चलने वाले
विषैली मनोवृत्ति वाले अराजक तत्वों की भी भरमार है।
(5)देशसेवा का सबसे सुदृढ़ व सच्ची वफादारी से
सेवा देने वाले देश के सपूत हैं हमारे प्रिय वीर जवान जो कि पूर्ण समर्पण, अटूट निष्ठा व देश प्रेम के मतवाले। इनकी देशसेवा सच्ची, पावन, ईमानदार व
सर्वश्रेष्ठ है व भारतीय सेना के देशसेवा सर्वोत्कृष्ट है।
रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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