देश मेरा!
मेरे लहू में दौड़ता है,
मेरी सासों में फूलता है,
मेरी आँखों में चमकता है,
मेरी ज़ुबान पर झूलता है,
मेरे दिल में धड़कता है,
मेरे दिमाग में पलता है।
राह कितनी भी कठिन हो,
कंकड़ लदे हों, काँटे बिछे हों,
नंगे पाँव चलने में ये फुलों सा लगता है।
मेरे हाथों से बनता है,
मेरे पैरों से चलता है,
मेरे जज़्बे से ज़िंदा है।
देश मेरा।