देश में बेटियों की हिफाजत नहीं है
मन रोया कलम में ताक़त नहीं है
देश में बेटियों की हिफाजत नहीं है।
पिता ,भाई साथ में कहां-कहां जाएंगे,
गर जाएंगे तो रोजी-रोटी गंवाएंगे,
ऐसे शैतानों पर कोई कयामत नहीं है
मन रोया कलम में ताक़त नहीं है।
देश में बेटियों की हिफाजत नहीं है।
इज्ज़त गई जिन्दगी तबाह हो गई,
मासूम सी बिटिया कहां खो गई,
ऐ बेशर्मों! तेरे घर बेटियां अमानत नहीं है
मन रोया कलम में ताक़त नहीं है
देश में बेटियों की हिफाजत नहीं है।
हे कानून तु एक ही बार झटका दे
जालिमों को तुरंत फांसी पर लटका दें।
उसे जिन्दगी जीने का इजाजत नहीं है।
मन रोया कलम में ताक़त नहीं है
देश में बेटियों की हिफाजत नहीं है।
नूरफातिमा खातून नूरी
जिला-कुशीनगर
उत्तर प्रदेश