देश जाग्रत है सदा साहित्य से,
जग प्रकाशित है सदा आदित्य से,
हम प्रगति करते सदा सानिध्य से,
कोई माने, या न माने सत्य है,
देश जाग्रत है सदा साहित्य से l
जग प्रकाशित है सदा आदित्य से,
हम प्रगति करते सदा सानिध्य से,
कोई माने, या न माने सत्य है,
देश जाग्रत है सदा साहित्य से l