देश को बचाना है
देश को बचाना है, मासूम बेटियां बचाएं
खुद जाग जाएं ओर ओरों को भी जगाएं
देश जल रहा हैं इंतहा ,कौमी नफरतों में
चिराग शांति का जला के नफरत बुझाएं
आमजन जल रहे हैं सरेआम यहाँ -वहाँ
मुद्दें सरेआम जलाएं,आमजन को बचाएं
हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई,आपस में भाई
भाई कोभाई से ना लड़ाएं, देश को बचाएं
स्वार्थ में ह़ो गया हरेक धर्म का बंदा अंधा
धर्म में डूबे बंदें को सप्रेम सदमार्ग दिखाएं
कौमी मुद्दों पर क्यों देश को जला रहे हो
कौम से ऊपर हो एकता सूत्र में बंध जाएं
सियासतदारों की सस्ती राजनीति समझो
अनमोल जीवन-मूल्यों को यूँ मत गवाएं
देश अहितकारी शक्ति-विकारों को समझो
संस्कृति -संस्कार,मान-सम्मान को बचाएं
देश अगर विश्व-पटल पर बढ़ते दर्शाना हैं
सुखविंद्र मानवताका पाठ पढें और पढाएं
-सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
9896872258