**देश के हम रखवाले**
हम सब का है यह देश, सीखें यह उपदेश ।
बचाए संस्कृति परिवेश, न हो कहीं भी क्लेश।
बनाएं जगत में इसे विशेष।
यही हो भाव हमारे, देश के हम रखवाले।।
देख रहे हैं चहुं और हम, वेशभूषा जो बदल गई
लोक लाज और मर्यादा, घुट घुट कर के मचल गई
आवरण न ओडे ऐसे,परिधान अपने संभाले।।
यही हो भाव हमारे,देश के हम रखवाले।।
राजेश व्यास अनुनय