देश के नौजवानों
देश के मेरे नौजवानों
सुन लो मेरी बात ,
दुश्मन छुपा हुआ है घर मे
लगाकर अपना घात।
चाह रहा है आपस में लड़वाना
हमारी एकता में मतभेद लाना।
तरह-तरह के साजिश रच वह
हमारे देश को चाह रहा है चोट पहुँचाना।
रहना सचेत तुम नौजवानों
उनकी बातों मे नही भटक जाना।
तरह-तरह के लोभ दिखाएंगे
तुम उसमें नही फँस जाना।
है तु भारत माता का लाल
यह बात नही तुम भूल जाना।
इस मिट्टी में पला- बढा तुम
इस मिट्टी का कर्ज चुकाना।
देश से बढकर कुछ नही होता
यह बात अपने दिल में बैठना।
लाख दुश्मन तुम्हें भटकाएँ
पर देश से तुम गद्दारी न करना।
तेरे इन कंधो पर नौजवानों
देश का नींव टिका है।
देश का भविष्य तुमसे
और तेरा भविष्य देश से जुड़ा है
इस बात को तुम नही भूल जाना।
~अनामिका