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30 Oct 2017 · 1 min read

*#देश के जवानों#*

#देश के जवानों#

दुश्मनो को अंदर आने का रास्ते,,
खुद गद्दार देश के बता रहे,,

खुद ही अपने वतन को वो बर्बाद करते यहा,,
साजिशों के चलते जवानों की जाने लुटा रहे,,

राजनीति अपना राग अपनी ढपली बजाती रही,,
बहनो का सुहाग ऐसे ही उजड़ते रहे,,

हर माँ का लाल वतन पर मिटता रहा,,
चन्द रुपयों की लालसा में गद्दार ईमान को बेचते रहे,,

अंदर ही अंदर अपने ही मुल्क को खोखला वो करते रहे,,
मर सी गई है इंसानियत इनके अंदर,,
खुद ही अपनो के बीच बम्ब दागते रहे,,

ये मासूमियत का चेहरे पर ओढ़ा नकाब दिखाते रहे,,
दिमाग से गद्दारी का गंदा खेल चलाते रहे,,

जिनकी रक्षा की जिम्मेदारी जवान उठाते रहे,,
ये चन्द गद्दार उन पर ही पत्थर उड़ाते रहे,,

सोनु ढूंढ निकालो देश मे छिपे ऐसे गद्दारो को,,
ऐसी सजा दो इन्हें रूह इनकी नस्लो काँपती रहे,,

##सोनु जैन मंदसौर##

Language: Hindi
401 Views
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