देश के और कितने टुकड़े !!
मेरे देश के सियासत दारों ने ,
अपने ईमान के टुकड़े किये ,
अपने अंदर बैठे इंसान और ,
ज़मीर के टुकड़े कर दिए ,
रियाया के अरमानो और ,
ज़ज्बातों को मसल डाला ,
और दिल के टुकड़े कर दिए ,
जिस कुर्सी ने इन्हें बहकाया ,
उसे तो ना तोडा ,मगर ,
अपनी खुदगर्जी के एवेज में
मेरे देश के टुकड़े-टुकड़े कर दिये.