देश की #धड़कन
अपने जीवन को दांव लगा, हर पल आहुति देते हैं!
अपनी खुशियों की बलि चढ़ा, ना जाने क्या-क्या सहते हैं!
है उनके दिल में भारत मां … वे मां के दिल में रहते हैं…
इस देश की #धड़कन है वह तो ..हम #फौजी जिन को कहते हैं!
सरहद की रक्षा की खातिर सीने पर गोली खाते हैं….
यहां एक छोटे से दर्द को भी हम सहने से कतराते है …
वे शीश कटाते हैं अपना …पत्थर भी हमसे खाते हैं …
अपनी रातों की नींद उड़ा …वे मेरा ख़्वाब सजाते हैं….
कितनी श्रद्धा है उनकी यह? कैसे वह सब कुछ सहते हैं?
इस देश की धड़कन है वे तो…. हम फौजी जिनको कहते हैं !!
हम यहां झूमते मस्ती में ,,हर पर्व त्यौहार मनाते हैं !
वे इन उत्सव के दीपों में …अपना सब हर्ष जलाते हैं!
घर में बैठे -बैठे हम तो बस अनुमान लगाते हैं!
वहां एक वतन की खातिर जाने कितनी जान गवांते हैं!
फिर भी जान हथेली पर लेकर, वे # वंदे मातरम कहते हैं!
इस देश की धड़कन है वह तो .. हम फौजी जिन को कहते हैं…
हम अपने गम- खुशियों का दुखड़ा यू रो- रो के सुनाते हैं..
वे भूल के खुशियों का मतलब अपना कर्तव्य निभाते हैं !
यहां अपने रुतबे में चूर हम, धर्मों से धर्म लड़ाते हैं !
वहां एक मानवता की खातिर वे हर तूफा से टकराते हैं ..
जब तक है हम निश्चिंत रहो यह मुस्कुराकर वह कहते हैं
इस देश की धड़कन है वह तो हम फौजी जिन को कहते हैं !
वह भी तड़पते होंगे घर की याद उन्हें आती होगी
आंखों में सुंदर सपनों की तस्वीर उभर आती होगी
जब आता होगा अंतिम क्षण ,जब प्राण विदा लेते होंगे ,
टूटे बिखरे शब्दों से फिर वे #जय भारत मां कहते होंगे
इधर फिर देश की खातिर एक जवान शहीद हो जाता है
फिर किसी माता के घर का जलता चिराग बुझ जाता है
मर कर भी अमर हो जाए उसको अमर जवानी कहते हैं
इस देश की धड़कन है वह तो हम फौजी जिनको कहते हैं!