देश का गणित बिगाड़ दिया
गणित कमज़ोर है उसका,
ये उसी का सिला दिया,
कमबख्त ने जोड़ा तो कुछ नहीं,
जो बाकी था उसको भी घटा दिया..
एक को अनेक करने चला था,
एक को आधे का भी आधा कर दिया,
जहाँ करना था गुणा वर्ग,
वहाँ पर भाग कर दिया..
मोहब्बत के सूत्र में,
नफ़रत का हांसिल लगा दिया,
जहाँ लगाना था द्विघात,
वहाँ पर घनमूल लगा दिया..
कमबख्त ने देश की जमीन में,
ऐसा नया सूत्र गढ़ दिया,
मीठे फल मिले ना मिले,
काँटों का वृक्ष तैयार कर दिया…!!