Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2023 · 1 min read

देशभक्ति

देशभक्ति

“ये लो गरीबी में आटा गीला। ऐसे ही क्या कम खर्चे हैं, जो अब एक दिन की सेलरी और गई।” अखबार पढ़ते हुए संतराम जी बोल पड़े।
“क्यों क्या हुआ ?” श्रीमती जी ने आश्चर्य से पूछा।
“अखबार में छपी खबर के मुताबिक मैनेजमेंट ने डिसीजन लिया है कि अगले महीने सभी कर्मचारियों की सेलरी में से एक-एक दिन की राशि पुलवामा हमले में शहीदों की मदद के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए भेजी जाएगी।” वह निश्वास छोड़ते हुए बोला।
“इसमें इतना उदास होने की क्या बात है जी। वे सैनिक हमारे लिए अपना जीवन कुर्बान कर सकते हैं, तो क्या हम अपनी एक दिन की सेलरी भी उनके नाम नहीं कर सकते ?” पत्नी ने उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।
वह कुछ कहता, उससे पहले ही उनकी बारह वर्षीया बेटी अपना गुल्लक उन्हें थमाते हुए बोली, “पापा, इसमें जमा राशि भी आप प्रधानमंत्री राहत कोश में जमा करवा दीजिएगा। मैंने पुलवामा में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए निर्णय लिया है कि अगले महीने मैं आपसे पॉकिटमनी नहीं लूँगी। आप निश्चिंत होकर अपनी एक दिन की सेलरी डोनेट कर सकते हैं।”
उसने अपनी पत्नी और बिटिया को बाँहों में भर लिया। आज उसे उन पर गर्व महसूस हो रहा था।
– डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़

145 Views

You may also like these posts

विष को अमृत बनाओगे
विष को अमृत बनाओगे
Sonam Puneet Dubey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
माना कि हम साथ नहीं
माना कि हम साथ नहीं
Surinder blackpen
We Would Be Connected Actually.
We Would Be Connected Actually.
Manisha Manjari
वनिता
वनिता
Satish Srijan
दिल में बहुत रखते हो जी
दिल में बहुत रखते हो जी
Suryakant Dwivedi
सावन झड़ी
सावन झड़ी
Arvina
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
बहुत दिनों के बाद दिल को फिर सुकून मिला।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
'ग़ज़ल'
'ग़ज़ल'
Godambari Negi
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो
Jyoti Roshni
"बीच सभा, द्रौपदी पुकारे"
राकेश चौरसिया
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
पुरखों का घर - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
*प्रणय*
संदेश बिन विधा
संदेश बिन विधा
Mahender Singh
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेरणा
प्रेरणा
Shyam Sundar Subramanian
कितना हराएगी ये जिंदगी मुझे।
कितना हराएगी ये जिंदगी मुझे।
Rj Anand Prajapati
卐                🪔 🪷🪷 卐
卐 🪔 🪷🪷 卐
ललकार भारद्वाज
वक्त कि ये चाल अजब है,
वक्त कि ये चाल अजब है,
SPK Sachin Lodhi
दिलकश नज़ारा
दिलकश नज़ारा
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
*स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्ट
*स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्ट
Ravi Prakash
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए
Basant Bhagawan Roy
एक एहसास
एक एहसास
Dr. Rajeev Jain
दिल का यह क़यास है शायद ।
दिल का यह क़यास है शायद ।
Dr fauzia Naseem shad
4422.*पूर्णिका*
4422.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हम भी कहीं न कहीं यूं तन्हा मिले तुझे
हम भी कहीं न कहीं यूं तन्हा मिले तुझे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अहिंसा
अहिंसा
Sudhir srivastava
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
नलिनी छंद /भ्रमरावली छंद
Subhash Singhai
* ये संस्कार आज कहाँ चले जा रहे है ? *
* ये संस्कार आज कहाँ चले जा रहे है ? *
भूरचन्द जयपाल
Loading...