“देशभक्ति की अलख”
“देशभक्ति की अलख”
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देशभक्ति की अलख, ह्रदय में जलाकर देख।
तब तूं भी वतन का रखवाला,देशभक्त कहलायेगा।
राष्ट्रप्रेंम की भावना, अंतर में जगा कर देख।
अपने अन्दर भी एक, नेक इन्सान पायेगा।
अपने शौर्य,पराक्रम की, अमिट कहानी लिख।
मातृभूमि की आन पर, सर कटाना सीख।
जब माथे पर मात्रृभूमि का, तिलक लगायेगा।
तब तूं भी राष्ट्र का, वीर सपूत कहलायेगा।
आईने से चेहरे को, कब तक झुपायेगा?
आतंकी मुखड़े से, नकाब कब हटायेगा?
भीड़ में दहशत गर्दिश फैलाने वालों,
अब तेरा अस्तित्त्व मिट जाएगा।
एकजुट हो रहा विश्व अब,
तेरा संगठन नहीं बच पायेगा।।
वर्षा(एक काव्य संग्रह) से/ राकेश चौरसिया