“देवो के देव महादेव “
जय जय जय जय बम भोले,
शिव के डमरू पे सब डोले.
ईस महा शीवरात्री के अवसर पर,
महादेव का नाम ही बोले…
देवो के महादेव हो तुम,
तिनो लोको मे प्रथम हो तुम.
सब के मन को आप भा जाते,
इसलिए आपको भोले नाथ सब कहते…
सागर मंथन जब करवाया,
विष का प्याला आपने पिया.
सारी सृष्टी को आपने बचाया,
निल कंठ नाम आपको दिया …
महाकाली के महाकाल हो तुम,
ञिशुल धारी भी हो तुम.
जब किसी दानव ने उत्पात मचाया,
आपकी तिसरी आँख ने उसे भस्म कर दिया..
अपनी जटा मे गंगा को उतारा,
गले मे अपने नाग को बांधा.
नंदी यो के देव हो तुम,
देवो के महादेव हो तुम…