देर हो ही जाती है
देर हो ही जाती है,
कह नहीं पाते हम कभी कभी
दिल अपने के जज्बात।।
कभी मिलते नहीं अल्फाज़,
कभी साथ नहीं अहसास
कभी वक्त कर जाये घात।।
तो
देर हो ही जाती है।।।
आंसू पलकों पर जो ठहरे,
सोचों पर लगे हो पहरे,
कभी मुश्किल हो हालात।।
तो::::
देर हो ही जाती है।।।
वसीयत लग जाये हाथ।
बूढ़े हो जाये माई बाप।
तो दवा की वो सौगात
लाने में
देर हो ही जाती है।
सूना हो जाये घर अंगना।
न पायल बाजे न कंगना।
बहन विदा हो संग बारात।
होती है अश्कों की बरसात
तो
देर हो ही जाती है।।
सुरिंदर कौर