देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
देने के लिए मेरे पास बहुत कुछ था ,
दिया तो खिसनिपोर चेहरा , मस्करी न करने की आजादी
और बड़ा सा मुँह पर प्रश्नचिन्ह ?
पर ,देना था मुझे
ढेर सारा प्यार , मौज-मस्ती ,नाच -गाने में डूबने की लगन ,
बेफिक्री की आजादी और देता भी तो चांद सितारे –
पर हो गया कुल गोबर
मिल गया किरदार दूसरा …
मौन…
मौन…
मौन…
।
_ rohit