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10 Jul 2018 · 1 min read

…. देख लेना सरस

दिल तुम्हारा रहे या हमारा रहे,
यत्न हो वह सदा प्यारा-प्यारा रहे!

बात गर सत्य हो झट से स्वीकारिये,
झूठ लेकिन कभी ना गवारा रहे!

जो जिएँ सो लिखें हूक़ मन में उठे,
पाठकों का सदा दिल सितारा रहे!

जीतना उसका मुश्क़िल जगत् में बहुत,
अपने मन से सदा जो कि हारा रहे!

मौन में जा के तुम देख लेना ‘सरस’,
साथ में जब न कोई सहारा रहे!
*सतीश तिवारी ‘सरस’,नरसिंहपुर (म.प्र.)

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