देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली।
देख ली है जिंदगी है इक कहानी देख ली।
बचपना देखा, बुढापा,नौजवानी देख ली।
##
जब हुए चर्चे किसी के हुस्न के असबाब के।
हमने भी तस्वीर अपनी इक पुरानी देख ली।
##
खूब घूमें इसकी गलियों, कूचों में बाज़ार में।
मासूम ये दुनिया है ये कितनी सयानी देख ली।
##
वक्त के दरिया में इंसा लहर भी है बुलबुला।
इसमें है इस्पात कितना नातवानी देख ली।
##
यूं तो इतनी बात करते शोर है चारो तरफ।
मज़बूर के हक में है कितनी हकबयानी देख ली।
##
बेनूर जुगनुओं का जिनके जहन में मुकाम है।
हमने ऐसी अनगिनत शक्लें नूरानी देख ली।
##
खूब की पड़ताल तुमने मेरे किस्सों की अगर।
” नज़र” हमने भी तुम्हारी हर कहानी देख ली।