देख तेरे भारत में बापू
गांधी जयंती पर राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को शत् शत् नमन और सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
निवेदित है एक यक्ष प्रश्न उकेरती रचना ????
देख तेरे’ भारत में बापू,इक बच्ची बलिदान हुई।
चार दरिंदों के फिर कारण, इक बेटी की जान गई।
हुआ निकम्मा शासन इतना,भावुकता का खून किया,
मां अरु बाप बिलखते देखो, रात चिता को आग दिया।।
क्या ऐसे भारत का सपना,बापू तूने देखा था।
तेरे पुण्य कर्म का प्रति फल,होगा तूने सोचा था।
भारत की इस पुण्य धरा पर, ना ही सुरक्षित है नारी,
आत्मकर्म से नभ को छूती,फिर भी दिखती बेचारी।
कहते थे तुम रामराज्य ही,भारत में फिर आयेगा।
और यहां का बच्चा-बच्चा,सुखमय जीवन पायेगा।
क्या ये ही जीवन का दर्शन,अरु इसकी परिभाषा है।
बीच भंवर में सांस तोड़ती,नारी की अभिलाषा है।
यक्ष प्रश्न मेरे सम्मुख है,इसका हल अब बतला दो।
मानव को कैसे रहना है,अनुशासन कुछ सिखला दो।।
प्यार- मुहब्बत भाई चारा,जीवन हो अब सरल सहज।
सबको ही सम्मान मिले नित,अटल करे फरियाद महज।।
?अटल मुरादाबादी?