देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा – मीनाक्षी मासूम
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा – मीनाक्षी मासूम
देख तुझको यूँ निगाहों का चुराना मेरा
दिल पे तेरे जा लगेगा ये निशाना मेरा
मेरे इज़हार पे ख़ामोश रहे हो अब तक
क्यों न अच्छा लगा यूँ पास में आना मेरा
जिस तरह चैन नहीं है मुझे इक पल तुम बिन
कर दे बेचैन तुम्हें लौट के जाना मेरा
नक़्श तेरे जो उभरते हैं मेरे ख़्वाबों में
मुझको लगता है बुरा होश में आना मेरा
मैं तुम्हें छोड़ के जाऊँ तो कहाँ पर जाऊँ
इक समंदर में नदी सा है ठिकाना मेरा