देख तुझकों
देख तुझको जब तराने आए
बाहु के झूले झुलाने आए
फूट पड़ती है अविरल अश्रु धारा
याद हमको जब पुराने आए
कह न पाए बात अपनी तुमसे
जब सताने को जमाने आए
माथ टीका हो गया तू मेरा
प्रीत हमसे जब जताने आए
इश्क में इतंने हुए बेकाबू
आज मिलने के बहाने आऐ