~~देख कैसा बदलाव ~~
जिस ने भी
झाड़ू कभी न
पकड़ी थी
उस ने आज
थाम लिया
इस को हाथ में
लोगो को कहते
सुना था मैने
अपने पास पड़ोस में
कि भाडू देखो
मार रहा है झाड़ू
सुनकर बड़ा ही
अजीब सा लगता था
जब एक आदमी यह
सब कहता था
आज वक्त ने ली
करवट
कि वो कहने वाला
लगा रहा है
झाड़ू ??
पर में नाराज
तब भी न था
और आज भी नहीं हूँ
शायद वक्त
इसी का नाम
है ओ कहने वाले
हालात इन्सान
को मजबूर कर
ही देते हैं
इन सब को करने
के लिए,
जब खुद
पर बीतती है
तो छोटे छोटे
काम करने ही
पड़ जाते हैं
इस तरह के
हर हाल में !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ