Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2019 · 1 min read

देखो फिर से आया बसंत

देखो फिर से आया बसंत ।

मन मगन मयूरे घूम उठे,
पादप पल्लव सब झूम उठे
हर ओर नई आभा छाई
ज्यों प्रकृति सुन्दरी मुस्काई
भर दामन में खुशियाँ अनन्त
देखो फिर से आया बसंत ।
सोने सी सरसों सरसाई
महके मद मादक अमराई
मनमीत मगन महि हर्षायी
चली मन्थर मन्थर पुरवाई
गुन गुना रहे ज्यों दिग-दिगंत
देखो फिर से आया बसंत ।
मद मस्त मगन मनमोहक सी
सज्जित वाला भोली भाली
ऐसी है छाई हरियाली
आओ सखि कह दें बात वोही,
जो रोज नहीं कहने वाली
अनुराग मुझे उर धीर नहीं
मन की कहने दो आज कंत
देखो फिर से आया बसंत ।

अनुराग दीक्षित

Language: Hindi
1 Like · 377 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनुराग दीक्षित
View all
You may also like:
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
Ajay Kumar Vimal
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*”ममता”* पार्ट-1
*”ममता”* पार्ट-1
Radhakishan R. Mundhra
#शीर्षक-प्यार का शक्ल
#शीर्षक-प्यार का शक्ल
Pratibha Pandey
आरजू
आरजू
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
बिंते-हव्वा (हव्वा की बेटी)
Shekhar Chandra Mitra
*आत्मविश्वास*
*आत्मविश्वास*
Ritu Asooja
सब अपनो में व्यस्त
सब अपनो में व्यस्त
DrLakshman Jha Parimal
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
■ चार पंक्तियां अपनी मातृभूनि और उसके अलंकारों के सम्मान में
*Author प्रणय प्रभात*
राजस्थान में का बा
राजस्थान में का बा
gurudeenverma198
पता ही नहीं चलता यार
पता ही नहीं चलता यार
पूर्वार्थ
हेेे जो मेरे पास
हेेे जो मेरे पास
Swami Ganganiya
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
कवि रमेशराज
वो किताब अब भी जिन्दा है।
वो किताब अब भी जिन्दा है।
दुर्गा प्रसाद नाग
दिलों के खेल
दिलों के खेल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
Anand Kumar
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
* इस धरा को *
* इस धरा को *
surenderpal vaidya
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
।।अथ श्री सत्यनारायण कथा चतुर्थ अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुभाष चन्द्र बोस
सुभाष चन्द्र बोस
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
*पशु- पक्षियों की आवाजें*
*पशु- पक्षियों की आवाजें*
Dushyant Kumar
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
पानी की तरह प्रेम भी निशुल्क होते हुए भी
शेखर सिंह
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
Neelam Sharma
ये काले बादलों से जैसे, आती रात क्या
ये काले बादलों से जैसे, आती रात क्या
Ravi Prakash
' चाह मेँ ही राह '
' चाह मेँ ही राह '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
आप से दर्दे जुबानी क्या कहें।
सत्य कुमार प्रेमी
कृष्ण सुदामा मित्रता,
कृष्ण सुदामा मित्रता,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वक्त गुजर जायेगा
वक्त गुजर जायेगा
Sonu sugandh
Loading...