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12 Feb 2019 · 1 min read

देखो फिर से आया बसंत

देखो फिर से आया बसंत ।

मन मगन मयूरे घूम उठे,
पादप पल्लव सब झूम उठे
हर ओर नई आभा छाई
ज्यों प्रकृति सुन्दरी मुस्काई
भर दामन में खुशियाँ अनन्त
देखो फिर से आया बसंत ।
सोने सी सरसों सरसाई
महके मद मादक अमराई
मनमीत मगन महि हर्षायी
चली मन्थर मन्थर पुरवाई
गुन गुना रहे ज्यों दिग-दिगंत
देखो फिर से आया बसंत ।
मद मस्त मगन मनमोहक सी
सज्जित वाला भोली भाली
ऐसी है छाई हरियाली
आओ सखि कह दें बात वोही,
जो रोज नहीं कहने वाली
अनुराग मुझे उर धीर नहीं
मन की कहने दो आज कंत
देखो फिर से आया बसंत ।

अनुराग दीक्षित

Language: Hindi
1 Like · 394 Views
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