देखो नया सवेरा आया….
अंधेरा हारा सूरज से अब
कारी कारी रात गयी
चील चहाते चिड़िया गाए
नादियोंने मुस्कान भरी
हरा हरा वसुंधरा झूमी
चंदन मुक्त हुआ सांपो से
आजादी का पर्व हुआ
रंग बिरंगे छटा छटा
देखो नया सवेरा आया…
देखो नया सवेरा आया….
Prof. Dinesh Gupta- Aanandshree
World record holder poet
Mumbai