*देखो ऋतु आई वसंत*
#देखोऋतुआईबसंत🌿🌾
देखो ऋतु आई बसंत!🌾
संग अपने संतुलन है लाई,
गर्मी-सर्दी का हो रहा मिलन।
वृक्षों पर कोपल फूल रहे हैं,🌷
भवरों के मन डोल रहे हैं।
सरसों की भीनी सी खुशबू और,
टेशू उल्लासित हो झूल रहे हैं।
देखो ऋतु आई बसंत।🌾
बसंत पंचमी का दिन भी आया,
पीले वस्त्र धारण कर,
स्त्रियों ने सुहाग है पाया।
वीणा-वादिनी सरस्वती मां ने,
बच्चों को शिक्षा का मार्ग दिखाया।
चित्रकारों ने कलाकृतियों में,
भरे वासंती रंग ।🎨
कवियों ने भी कंठ सुशोभित कर,
गाए राग बसंत ।
देखो ऋतु आई बसंत।।🌾
पवन के झोंकों से डालियां,
मुस्काती झूल रही हैं।
कोयल काली हर्षित होकर,
कुहू-कुहू बोल रही है।🐦
शबरी के जूठे बेरों को खाकर,
प्रभु ने भीलवासिनी को दिया आदर। तुलसीकृत रामायण में जिस का,
है सुंदर चित्रण।📖
देखो ऋतु आई बसंत।।🌾
शिवरात्रि में शिव की पूजा,
होली में रंगों का हुआ मिलन।
बढ़ेगा सौहार्द्र समाज में,
मलिन न रहेगा मानव मन।
खिल उठेगी धरती मां,
हर्षित होगा इसका कण-कण,
देखो ऋतु आई बसंत ।🌿
🏵️डॉ प्रिया।
अयोध्या।