देखिए तो
हुआ अज़ाब से आँखे समंदर देखिए तो
मुझे है इक कयामत का डर देखिए तो
मसाइल मजहब के अब हावी हो चुके
इंसा से हम हो रहे कोई खंजर देखिए तो
वबा में भी कमा रहे वो मुनाफ़े हक से यार
मराल क़ल्ब होते चले गए पत्थर देखिए तो
रखा नहीं कुछ नफ़रत में कभी ऐ मिरे दोस्त
ये झुका देंगे इंसानियत का अख़्तर देखिए तो
अब य़की हो तो कैसे क़ानून पे, ग़लत हुक्मों पे
कहे अफ़सर फ़क़त नेता को सर सर, देखिए तो
भूख से लड़ती लाशें भोजन बनी कीड़े मकोड़े का
कितना ज्यादा भयावह है मौत का ये मंज़र देखिए तो
हर साल फ़क़त रावण जलाने से कभी कुछ न होगा
है हमसब के भितर छुपा इक खुनी लश्कर देखिए तो
दिन में जो दिखते बेहिसाब खुशमिजाज लोग कामिल
रातों में अश्क से रोज़ भींगते है उनके बिस्तर देखिए तो
@कुनु