Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2022 · 1 min read

देखा है जब से तुमको

देखा है जब से तुमको
*****************
देखा है जब से तुमको,
कुछ दिल में होने लगा है।
कैसे बताऊं मैं तुमको अब,
मुझे तुमसे प्यार होने लगा है।

दिल नहीं लगता तुम्हारे बिना,
कैसे जी मैं अब तुम्हारे बिना।
आओ जाओ मिलने के लिए,
वर्ना मर जाऊंगी तुम्हारे बिना।

याद तो तुम्हे आती होगी मेरी,
आँखें भी फड़कती होगी तेरी।
जिंदा हूँ बस तुम्हारी यादों में,
मेरी मौत हो जाए बाहों मैं तेरी।

मौसम होता है जब सुहाना,
साथ में हो नदी का मुहाना।
जी करता तेरी बाहों मैं आऊं,
पर मिलता नहीं कोई बहाना।

तुम बिन जीवन का सार नहीं,
तुम बिन मेरा कोई प्यार नहीं।
कैसे कह दू मैं अब तुमको,
तुम्हारा मेरे पर अधिकार नहीं।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
4 Likes · 7 Comments · 315 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
2481.पूर्णिका
2481.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
बदनाम शराब
बदनाम शराब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैं तो महज बुनियाद हूँ
मैं तो महज बुनियाद हूँ
VINOD CHAUHAN
बर्फ
बर्फ
Santosh kumar Miri
परीक्षा है सर पर..!
परीक्षा है सर पर..!
भवेश
धूल से ही उत्सव हैं,
धूल से ही उत्सव हैं,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
■ नज़्म-ए-मुख्तसर
■ नज़्म-ए-मुख्तसर
*प्रणय प्रभात*
भगवन नाम
भगवन नाम
लक्ष्मी सिंह
तुम्हें प्यार करते हैं
तुम्हें प्यार करते हैं
Mukesh Kumar Sonkar
*** हम दो राही....!!! ***
*** हम दो राही....!!! ***
VEDANTA PATEL
पग पग पे देने पड़ते
पग पग पे देने पड़ते
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आदिपुरुष फ़िल्म
आदिपुरुष फ़िल्म
Dr Archana Gupta
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिल  में हसरत  जगे तो दबाना नहीं।
दिल में हसरत जगे तो दबाना नहीं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
ये दिल उन्हें बद्दुआ कैसे दे दें,
Taj Mohammad
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
डॉ. नगेन्द्र की दृष्टि में कविता
कवि रमेशराज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
आज सर ढूंढ रहा है फिर कोई कांधा
आज सर ढूंढ रहा है फिर कोई कांधा
Vijay Nayak
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
खेल भावनाओं से खेलो, जीवन भी है खेल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
???
???
शेखर सिंह
क्या है मोहब्बत??
क्या है मोहब्बत??
Skanda Joshi
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
जब अपनी बात होती है,तब हम हमेशा सही होते हैं। गलत रहने के बा
Paras Nath Jha
क्यू ना वो खुदकी सुने?
क्यू ना वो खुदकी सुने?
Kanchan Alok Malu
नेता जी
नेता जी
surenderpal vaidya
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*शाकाहारी भोज, रोज सब सज्जन खाओ (कुंडलिया)*
*शाकाहारी भोज, रोज सब सज्जन खाओ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
यही जीवन है ।
यही जीवन है ।
Rohit yadav
Loading...