देखा है जबसे तुमको ये दिल धड़कने लगा है
देखा है जबसे तुमको,ये दिल धड़कने लगा है
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देखा है जबसे तुमको,ये दिल धड़कने लगा है।
मिलन हुआ है जबसे,ये दिल समझने लगा है।।
लगी है आग दोनों तरफ,कैसे बुझाए इसको।
ये आग का शोला तो,अब भड़कने लगा है।।
नशा होता है प्यार मे,इसकी हमको खबर न थी।
बिन पिये ही दोनों का मन अब बहकने लगा है।।
कर दी थी दूरियां दो दिलों के दरमियान में किसी ने।
ये फासला अब एक दूजे के पास सरकने लगा है।।
अटकने लगाते थे हमारे प्यार के बीच कुछ लोग।
ये अटकने लगाने का मंसूबा उनका अटकने लगा है।।
लिखना प्यार की बाते मेरी,आदत सी बन गई है।
रस्तोगी का ये लिखना,कुछ को खटकने लगा है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम