Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2017 · 1 min read

देखा है कभी?

देखा है कभी?
दूर क्षितिज में उतरती डूबते रवि की रश्मियों को,
लगता है जैसे जिंदगी उदास हो रही हो
कोई कहीं अश्रुजल से दामन भिगो रही हो।
लगता है जैसे थके कदम ठहर गए हों,
धुंधली आँखों के पहरे फैल गए हों।

देखा है कभी?
शशि की रजत धारा में रजनी को नहाते हुए,
गगन में विरह की व्यथा में चातक को पर फैलाते हुए।
लगता है जैसे जिंदगी उजाड़ सी हो गई हो,
चैन की रैन कहीं दूर शून्य में खो गई हो।

देखा है कभी?
पूस की रात में अंबर को सिसककर रोते हुए,
ठिठुरते ठूठ पर शुष्क हिम को अपना वजूद खोते हुए।
लगता है जैसे विरह की वेदना बढ़ती जा रही हो,
और हिय की परतें मोम की मानिंद पिघलती जा रही हो।

देखा है कभी?
उष्ण ताप में किसी तपती बंजर होती जमीं को,
भाप बनकर उड़ती नभ से गिरती बूँद की नमी को।
लगता है जैसे कोई अगन तन को जला रही हो,
नीर की बूँदें भी बदन की तपन को बढा़ रही हो।
सोनू हंस

Language: Hindi
278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#आज_का_आह्वान-
#आज_का_आह्वान-
*प्रणय*
"सबके हित के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
शिव ही बनाते हैं मधुमय जीवन
शिव ही बनाते हैं मधुमय जीवन
कवि रमेशराज
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
जश्ने आज़ादी का
जश्ने आज़ादी का
Dr fauzia Naseem shad
कलाकार
कलाकार
Shashi Mahajan
****मतदान करो****
****मतदान करो****
Kavita Chouhan
शोभा वरनि न जाए, अयोध्या धाम की
शोभा वरनि न जाए, अयोध्या धाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
नव वर्ष की बधाई -2024
नव वर्ष की बधाई -2024
Raju Gajbhiye
2837. *पूर्णिका*
2837. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गौरवशाली भारत
गौरवशाली भारत
Shaily
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
हिन्द देश के वासी हम सब हिन्दी अपनी शान है
Saraswati Bajpai
आज दिवाकर शान से,
आज दिवाकर शान से,
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
महफिलों में अब वो बात नहीं
महफिलों में अब वो बात नहीं
Chitra Bisht
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
ओसमणी साहू 'ओश'
# खरी बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
*मकान (बाल कविता)*
*मकान (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
Sarfaraz Ahmed Aasee
कभी भी दूसरो की बात सुनकर
कभी भी दूसरो की बात सुनकर
Ranjeet kumar patre
कभी जब आपका दीदार होगा
कभी जब आपका दीदार होगा
सत्य कुमार प्रेमी
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
Shweta Soni
बेवकूफ
बेवकूफ
Tarkeshwari 'sudhi'
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
सबरी के जूठे बेर चखे प्रभु ने उनका उद्धार किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
🗣️चार लोग क्या कहेंगे
🗣️चार लोग क्या कहेंगे
Aisha mohan
नया दिन
नया दिन
Vandna Thakur
‌सोच हमारी अपनी होती हैं।
‌सोच हमारी अपनी होती हैं।
Neeraj Agarwal
As I grow up I realized that life will test you so many time
As I grow up I realized that life will test you so many time
पूर्वार्थ
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
रंग लहू का सिर्फ़ लाल होता है - ये सिर्फ किस्से हैं
Atul "Krishn"
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से मदहोश होकर,
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से मदहोश होकर,
शेखर सिंह
Loading...