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26 Nov 2019 · 1 min read

देखा ये साकार !!

तुमको पाकर है मिली, मुझको ख़ुशी अपार !
होती है क्या जिंदगी, देखा ये साकार !!

देखा ये साकार, अवर्णित रूप तुम्हारा।
मनमोहक मुस्कान, हृदय है जिस पर वारा।

सुन सौरभ की बात, मिले क्या मंदिर जाकर !
हुआ भवन है धाम, प्रिये अब तुमको पाकर !!

✍ सत्यवान सौरभ

ईमेल: satywanverma333@gmail.com
कांटेक्ट: परी वाटिका, कौशल्या भवन , बरवा (सिवानी) भिवानी, हरयाणा – 127045
मोबाइल :9466526148,01255281381

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