देखता हूँ
तुम्हे देखता हूँ तो जहा ठहर जाता है।
तुम्हे देखता हूँ तो धड़कने रुक जाती है।
दिल की आहटे भी तकलीफ दे जाती है।
तुम्हे देखता हूँ तो जहा ठहर जाता है।
तुम्हे देखता हूँ तो धड़कने रुक जाती है।
तुम्हे न देखूं तो क्या हो जाता है,
धड़कने सिमटकर सिसक सी जाती है।
तुम्हे देखता हूँ तो जहा ठहर जाता है।
तुम्हे देखता हूँ तो धड़कने रुक जाती है।
तुम्हे न देखू तो चैन कहा आता है।
तुम्हे देखता हूँ तो जहा ठहर जाता है।
तुम्हे देखता हूँ तो धड़कने रुक जाती है।
© प्रशान्त तिवारी