दृष्टिकोण
सच्चाई
कटु सच्चाई यह है कि जब बेटे सेटल हो जाते है, प्रॉपर्टी पैसा हडप लेते है उसके बाद माँ बाप बोझ लगते है उपेक्षित करते है उनको अपनी पत्नी बच्चे सगे लगते है एक तरह से वह निष्ठुर हो जाते है ।
बेटियाँ संवेदनशील और माँ बाप के प्रति निष्ठावान होती है ।
बेटों की चाह मॄगमाया है विडम्बना है कि आज समाज में सब देखते हुऐ भी बेटों की चाह में परिवार बडा करते जाते है । जो गलत धारणा है ।
कई बार तो जब बेटे माता पिता को उपेक्षित करते है बेटियाँ ही सहारा बनती है ।
पुरातन अवधारणाओ को तिलांजली देने का समय आ गया है । हो सकता है से सकारात्मक लेखन और विचारो से समाज और दॄष्टिकोण में बदलाव आए।
संतोष श्रीवास्तव